Kasumbo
Home
Detail
Client
Menu
LOGOUT
UPDATE
Detail
VIEW
Category Name
શાયરી
સુવિચાર
કવિતા
વાર્તા
ભજન-કીર્તન
દેશભક્તિ ગીત
કહેવતો
લગ્ન ગીત
શૌર્ય ગીત
શૌર્ય કથાઓ
હાલરડુ
જોક્સ
લોકગીત
રાસગરબા
પ્રભાતીયા
ગઝલ
આરતી
બાળગીત
Detail Title
कन्धों से मिलते हैं कन्धे
Detail
कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं, हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं, हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैंअब तो हमें आगे बढ़ते है रहना, अब तो हमें साथी है बस इतना ही कहना अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना, अब तो हमें साथी है बस इतना ही कहना अब जो भी हो शोला बनके पत्थर है पिघलाना, अब जो भी हो बादल बनके परबत पर है छाना कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं, हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं, हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैंनिकले हैं मैदां में हम जां हथेली पर लेकर, अब देखो दम लेंगे हम जा के अपनी मंजिल पर, खतरों से हंस के खेलना, इतनी तो हम में हिम्मत है, मोड़े कलाई मौत की, इतनी तो हम में ताक़त है, हम सरहदों के वास्ते लोहे की इक दीवार हैं हम दुश्मनों के वास्ते होशियार हैं, तैयार हैं अब जो भी हो शोला बनके पत्थर है पिघलाना, अब जो भी हो बादल बनके परबत पर है छाना कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं, हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं जोश दिल में जगाते चलो, जीत के गीत गाते चलो, जीत की जो तस्वीर बनाने हम निकले हैं अपनी लहू से, हमको उसमें रंग भरना है,साथी मैंने अपने दिल में अब ये ठान लिया है, या तो अब करना है या तो अब मरना है,चाहे अंगारें बरसे के बिजली गिरे तू अकेला नहीं होगा यारा मेरे, कोई मुश्किल हो या हो कोई मोर्चा साथ हर मोड़ पर होंगे साथी तेरे, अब जो भी हो शोला बनके पत्थर है पिघलाना, अब जो भी हो बादल बनके परबत पर है छाना कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं, हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं इक चेहरा अक्सर मुझे याद आता है, इस दिल को चुपके-चुपके वो तड़पाता है जब घर से कोई भी ख़त आया है, कागज़ को मैंने भीगा-भीगा पाया है पलकों पे यादों के कुछ दीप जैसे जलते हैं, कुछ सपने ऐसे हैं, जो साथ-साथ चलते हैं कोई सपना न टूटे, कोई वादा न टूटे, तुम चाहो जिसे दिल से वो तुमसे ना रूठे अब जो भी हो शोला बनके पत्थर है पिघलाना, अब जो भी हो बादल बनके परबत पर है छाना कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं, हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं चलता है जो ये कारवाँ, गूंजी सी है ये वादियाँ, है ये ज़मीं, ये आसमां, है ये हवा, है ये समां, हर रस्ते ने, हर वादी ने हर परबत ने, सदा दी हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हर बाज़ी कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं, हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं, हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं, हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं कन्धों से मिलते हैं कन्धे, क़दमों से क़दम मिलते हैं, हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं चलता है जो ये कारवाँ, गूंजी सी है, ये वादियाँ
CANCEL